Kiran
Segal is one of the most innovative and outstanding dancers/choreographers
of Odissi. She has performed in forty-one countries all over the world and has
also participated in major dance festivals. She has been honoured with several
titles and awards for her dedication and contribution to Indian classical
dance, including the Sangeet Natak
Akademi. Award,2002; the Padmashree in, 2002, the Neelamadhava Award, 2002; the Kala
Shreshtha Sammaan, 2000; the Indira Gandhi Priyadarshini Award, 2000; the
Nritya Vilas, 1993; the Nritya Saraswati,
1991; the Parishad Sammaan, Delhi
Government, 1986; the Shringaar Mani,
1979 and the Kala Mani, 1976. In
2011, she was given the Meri Dilli award for her contribution to culture.
Kiran’s single-minded and deep-rooted attachment to dance has led her to
establish Pallavi—Odissi Nritya Sangeet
Vidyalaya in New Delhi.
किरन सैगल ओडिसी नृत्य की नवीनतम एवं अतीव प्रतिभाशाली नृत्यांगना तथा नृत्यनिर्देशिका हैं। वे युवाओं के बीच ओडिसी नृत्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में रुचि रखती हैं। वे अपने व्याख्यानों, प्रदर्शनों, कार्यशालाओं और वार्ताओं के माध्यम से इस प्राचीन नृत्यकला को भारत के कोने-कोने में ले गई है। किरन ने 41 देशों में अपने नृत्य का प्रदर्शन किया है और प्रमुख नृत्य उत्सवों में भी भाग लिया है। उन्हें भारतीय शास्त्रीय नृत्य में उनके समर्पण और योगदान के लिए नेशनल एकेडमी अाॅफ म्यूजिक एंड डांस द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2002, राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री, 2002, नीलमाधव पुरस्कार, 2002, कला श्रेष्ठ सम्मान, 2000, इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार, 2000, नृत्य विलास 1993, नृत्य सरस्वती, 1991, परिषद सम्मान, दिल्ली सरकार, 1986, श्रृंगार मणि, 1979 और कला मणि 1976 सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2011 में उन्हें उनके सांस्कृतिक योगदान के लिए मेरी दिल्ली पुरस्कार प्रदान किया गया। नृत्य के प्रति एकाग्रता एवं लगाव ने किरन को नई दिल्ली में पल्लवी-ओडिसी नृत्य संगीत विद्यालय स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है जहाँ वह नृत्य-प्रेमियों को प्रशिक्षण प्रदान करती हैं और उनकी प्रतिभा को सँवारती हैं। उनके कुछ शिष्य संस्कृति मंालय और दिल्ली सरकार से नृत्य के लिए छावृत्ति प्राप्त कर चुके हैं। कई अन्य अब संयुक्त राज्य अमेरिका, यूएसएसअार और इंगलैंड में बस चुके हैं। वे ओडिसी नृत्य को अपने जीवन में एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में देखती हैं।