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‘हिन्दू-जीवन का आनंद’ नामक इस पुस्तक के नए संस्करण के द्वारा युगों पुराने धर्म के सिद्धान्तों को सरलीकृत एवं रहस्योद्घाटित कर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। उत्पल के. बनर्जी ने अतीत का शोध कर उसे वर्तमान में समझाया है। यह पुस्तक हिन्दू जीवन की स्थायी जीवन शक्ति को समझने की खोज है। यह महान परंपराओं को मनाता है।
वैदिक देवताओं जैसे सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, वायु आदि से शुरू होकर बनर्जी उस कथा को बुनते हैं, जहाँ ब्रह्मांड की शुरूआत हुई और श्रेष्ठ विचारों का जन्म हुआ। यह कथा महान भारतीय दर्शन एवं साहित्य से लेकर दृश्य एवं दर्शन कला तक बढ़ती चली गई। यह पुस्तक हिन्दू जीवन का एक संपूर्ण मार्गदर्शक है। हिन्दुत्व की संकल्पना को दर्शाने के लिए धर्म एव रीति-रिवाज़ साथ-साथ आते हैं। लेखक के शब्दों में– हिन्दुत्व वह धर्म एवं सांस्कृतिक परंपरा है, जहाँ अनंत प्रकार की मान्यताओं एवं प्रथाओं को विश्व में पूर्ण रूप से एक सामान्य दृष्टि से देखा जा सकता है।
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