s
Book

फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ

फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ : अपने समय का चमकता सितारा

फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ : अपने समय का चमकता सितारा

By Behram Panthaki, mrs-zenobia-panthaki

Category: Bahuvachan Books
MRP: 895

फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ 1969 से 1973 तक भारतीय सेना के अध्यक्ष रहे। यह किताब सैम के जीवन, व्यवहार की विशेषताओं, विनोदप्रियता, नैतिक एवं पेशेवर साहस और वह रहस्य चित्रित करती है, जिसने उनके व्यक्तित्व को इस प्रकार गढ़ा। सबसे बड़ी बात यह है कि उनकी विनम्रता, उनकी ईमानदारी और पद की परवाह किए बिना सेना के हर व्यक्ति के लिए सम्मान के भाव को प्रदर्शित करती है।

घटनाओं से भरी यह किताब पढ़ने में आसान है, क्योंकि यह उनके बचपन से लेकर कीर्ति के शिखर तक पाठक को साथ लेकर चलती है। एक व्यक्तिगत जीवन गाथा के साथ राजनैतिक ताने-बाने को ऐसे बुना गया है, जो इस बात पर ज़ोर देता है कि कैसे एक बेहतरीन सैन्य रणनीतिकार ने भारतीय उपमहाद्वीप का नक़्शा ही बदल दिया। पारिवारिक चित्र, हस्तलिखित टिप्पणियाँ और व्यक्तिगत पत्र व्यवहार ने इस किताब को अतिपठनीय और संग्रहणीय निधि बना दिया है। यह किताब सैम के जीवन की विशिष्ट उपलब्धियों का वर्णन करती है।

फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ
Behram Panthaki

Brigadier Behram M. Panthaki commanded the 2nd Battalion of the 8th Gorkha Rifles, served as Brigade Major, HQ 161 Infantry Brigade in J&K, was Colonel General Staff, HQ 3 Infantry Division in Ladakh, commanded 35 Infantry Brigade in Delhi and was Brigadier General Staff, HQ 12 Corps in Rajasthan. The assignment he values most is as Aide-de-Camp (ADC) to General Sam Manekshaw. Zenobia Panthaki had a close association with Sam and his wife, Silloo, and was witness to many events described in this book.

Format: Flexiback
Size: 235mm x 178mm; 208pp
Niyogi Books Logo
If you'd like to subscribe to our newsletter, please punch in your name and email Id below