उत्पल के. बेनर्जी ()
उत्पल के. बेनर्जी की वृत्ति विविध एवं सफल है। वे तीस सालों तक प्रबंध एवं इंफरमेंशन टेक्नोलॉजी के सलाहकार रह चुके हैं एवं वे भारतीय कला एवं संस्कृति से जुड़े हुए हैं। 1998 में उन्हें इंडियन काउंसिल फॉर कलचरल रिलेशन भेजा गया, जहाँ उन्होंने कला एवं दक्षिण अमेंरिका के संस्कृति पर भाषण दिया। उन्हें कनाडा एवं यू.एस.ए में 1990 एवं 1995 में भी इंडियन काउंसिल फॉर कलचरल रिलेशन तथा कला भारती फाउंडेशन द्वारा निमंत्रित किया गया। उनकी पुस्तक ‘इंडियन परफॉर्मिंग आर्ट्स’ के कई संस्करण छपे तथा बंगाली थिएटर 200 साल का भारतीय सरकार द्वारा प्रकाशन हुआ। उनकी वर्तमान पुस्तक इंडियन परफॉर्मिंग आर्ट्सःए मोजाइक एंड इंडियन पप्पेट्स है।
1969-72 में उनके यू.के. के मेंचेस्टर के एक्स्ट्रा मूराल डिपार्टमेंट में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के कारण उनका दृश्यकला एवं कला प्रदर्शन में प्रवेश हुआ। वे IGNCA के प्रोजेक्टर, डायरेक्टर रह चुके हैं जो UNDP के प्रोजेक्टर, मलटी मीडिया डाटाबेस फॉर आर्ट्स एंड कलचरल डॉक्यूमेंटेशन एँड कंप्यूटराइजेशन। उनके आलेख इंडिया परस्पेक्टिव, इंडियन हॉराइजनस, एवं दी पायनियर में नियमित रूप से प्रकाशित होते रहते हैं। उनका असंख्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में योगदान है जो बी.बी.सी एवं ऑल इंडिया रेडियो एवं दूरदर्शन पर चलाए जाते हैं।
2009 में उन्हें भारत सरकार ने ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया। जो उनके साहित्य एवं कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए है।