हिन्दू जीवन का आनंद book


हिन्दू जीवन का आनंद

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‘हिन्दू-जीवन का आनंद’ नामक इस पुस्तक के नए संस्करण के द्वारा युगों पुराने धर्म के सिद्धान्तों को सरलीकृत एवं रहस्योद्घाटित कर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। उत्पल के. बनर्जी ने अतीत का शोध कर उसे वर्तमान में समझाया है। यह पुस्तक हिन्दू जीवन की स्थायी जीवन शक्ति को समझने की खोज है। यह महान परंपराओं को मनाता है।

वैदिक देवताओं जैसे सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, वायु आदि से शुरू होकर बनर्जी उस कथा को बुनते हैं, जहाँ ब्रह्मांड की शुरूआत हुई और श्रेष्ठ विचारों का जन्म हुआ। यह कथा महान भारतीय दर्शन एवं साहित्य से लेकर दृश्य एवं दर्शन कला तक बढ़ती चली गई। यह पुस्तक हिन्दू जीवन का एक संपूर्ण मार्गदर्शक है। हिन्दुत्व की संकल्पना को दर्शाने के लिए धर्म एव रीति-रिवाज़ साथ-साथ आते हैं। लेखक के शब्दों में– हिन्दुत्व वह धर्म एवं सांस्कृतिक परंपरा है, जहाँ अनंत प्रकार की मान्यताओं एवं प्रथाओं को विश्व में पूर्ण रूप से एक सामान्य दृष्टि से देखा जा सकता है।



उत्पल  के. बेनर्जी ()
उत्पल के. बेनर्जी ()
Author

उत्पल के. बेनर्जी की वृत्ति विविध एवं सफल है। वे तीस सालों तक प्रबंध एवं इंफरमेंशन टेक्नोलॉजी के सलाहकार रह चुके हैं एवं वे भारतीय कला एवं संस्कृति से जुड़े हुए हैं। 1998 में उन्हें इंडियन काउंसिल फॉर कलचरल रिलेशन भेजा गया, जहाँ उन्होंने कला एवं दक्षिण अमेंरिका के संस्कृति पर भाषण दिया। उन्हें कनाडा एवं यू.एस. में 1990 एवं 1995 में भी इंडियन काउंसिल फॉर कलचरल रिलेशन तथा कला भारती फाउंडेशन द्वारा निमंत्रित किया गया। उनकी पुस्तकइंडियन परफॉर्मिंग आर्ट्सके कई संस्करण छपे तथा बंगाली थिएटर 200 साल का भारतीय सरकार द्वारा प्रकाशन हुआ। उनकी वर्तमान पुस्तक इंडियन परफॉर्मिंग आर्ट्सःए मोजाइक एंड इंडियन पप्पेट्स है। 

1969-72 में उनके यू.के. के मेंचेस्टर के एक्स्ट्रा मूराल डिपार्टमेंट में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के कारण उनका दृश्यकला एवं कला प्रदर्शन में प्रवेश हुआ। वे IGNCA के प्रोजेक्टर, डायरेक्टर रह चुके हैं जो UNDP के प्रोजेक्टर, मलटी मीडिया डाटाबेस फॉर आर्ट्स एंड कलचरल डॉक्यूमेंटेशन एँड कंप्यूटराइजेशन। उनके आलेख इंडिया परस्पेक्टिव, इंडियन हॉराइजनसएवं दी पायनियर में नियमित रूप से प्रकाशित होते रहते हैं। उनका असंख्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में योगदान है जो बी.बी.सी एवं ऑल इंडिया रेडियो एवं दूरदर्शन पर चलाए जाते हैं।

2009 में उन्हें भारत सरकार नेपद्मश्रीसे सम्मानित किया। जो उनके साहित्य एवं कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए है।

 

अनुराधा  पेरी
अनुराधा पेरी
Translator

श्रीमती अनुराधा पेरी, विगत अट्ठारह वर्षों से उस्मानिया विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त प्रमुख काॅलेज में प्रधान अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। इन्होंने हिन्दी में एम.. तथा रसायन विज्ञान (Chemistry) में एम.एस.सी. की शिक्षा अर्जित की है। अनुवाद के क्षेत्र में इनकी विशेष रुचि गूढ़ ज्ञान है। इन्होंने लगभग एक दर्जन से भी अधिक पुस्तकों का सफल अनुवाद किया है। देव संस्कृत विश्वविद्यालय (हरिद्वार), एन.सी.आर. आई तथा कई आॅनलाईन साइट्स के लिए इन्होंने अनुवाद का कार्य किया है। बहुभाषा ज्ञान विशेष गुण है।