Late Krishna Bose
(1930-2020) was an educator, writer and politician. A professor of
English in Calcutta from 1955 to 1995, she was elected Member of Parliament
(Lok Sabha) three times starting in 1996 from the Jadavpur constituency in
Greater Calcutta. From 1999 to 2004 she chaired the parliamentary standing committee
on external affairs.
Krishna Bose was
an eminent expert on Netaji’s life and struggles. After her marriage to Sisir
Bose—son of Sarat Chandra Bose, the barrister and nationalist leader who was
his younger brother Subhas’s closest comrade—she had joined Sisir’s efforts to
research and document Netaji’s life and work. Aged twenty, Krishna’s prolific
writings include several original books on Netaji.
कृष्णा बोस (नी चौधुरी) शिक्षिका, लेखिका और राजनीतिज्ञ हैं। कलकत्ता में 1955 से 1995 तक अंग्रेज़ी की प्राध्यापक रहीं कृष्णा विशाल कलकत्ता के जादवपुर संसदीय क्षे से 1996 से तीन बार लोक सभा की सदस्य चुनी गईं। 1999 से 2004 तक वह विदेशी मामलों की स्थायी संसदीय समिति की अध्यक्ष रहीं।
नेता जी के जीवन और संघर्षों के बारे में कृष्णा बोस प्रतिष्ठित विशेषज्ञ हैं। सुभाष चंद्र बोस के सबसे क़रीबी और सहयोगी रहे बड़े भाई शरत बोस के बेटे शिशिर बोस से विवाह के बाद कृष्णा ने नेता जी के जीवन और कामों के बारे में शोध और दस्तावेज़ एकत करने के शिशिर के प्रयासों में हाथ बँटाया।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 1941 में 20 वर्षीय शिशिर ने ही नेता जी को चुपचाप भारत से बाहर निकल जाने में मदद की थी और पलायन के पहले चरण में उन्हें कार से कलकत्ता से बिहार में गोमो तक पहुँचाया था। आगे चल कर शिशिर प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ हुए। उन्होंने कोलकाता में बोस परिवार के पुराने आवास में नेता जी भवन और नेता जी शोध केंद्र के संस्थापक एवं उन्नायक के रूप में भी प्रसिद्धि अर्जित की। कृष्णा के विपुल लेखन में नेता जी पर लिखी कई मौलिक पुस्तकें भी हैं, जिनमें नियोगी बुक्स द्वारा प्रकाशित लॉस्ट ऐड्रेसेज : ए मेमायर ऑफ इंडिया 1934-55 (सुमं बोस द्वारा अंग्रेज़ी में अनूदित) पूर्व में हरानो ठिकाना शीर्षक से प्रकाशित (आनंदा पब्लिशर्स, 2013) शामिल हैं।