बाघ के साथ मेरी मुठभेड़: रणथम्भौर की कहानी, लेखक की ज़ुबानी

Paper Type: 130 gsm art paper (matt) | Size: 190mm x 178mm; 128pp
All colour; 123 photographs
ISBN-13: 978-93-89136-25-8

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यह किताब (बाघ के साथ मेरी मुठभेड़: रणथम्भौर की कहानी, लेखक की ज़ुबानी) रणथम्भौर बाघ परियोजना, साल 2010 में, एक आक्रामक बाघ के साथ मुठभेड़ का वर्णन करती है। जब बाघ को बेहोश करते समय, बाघ ने लेखक पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक आक्रामक बाघ के साथ मुठभेड़, बिलकुल मृत्यु के द्वार से लौटने जैसा अनुभव है। इसके अतिरिक्त, किताब में अनाथ शावकों का पालन-पोषण; रहस्यमय तेंदुआ, जो अपने मनमाफ़िक निडर भाव से इनसानों पर हमला कर देता था; बाघों पर निगरानी रखना एवं आक्रामक नर बाघ उस्ताद (टी-24) के साथ कई अन्य सत्य कहानियाँ भी शामिल हैं।  

लेखक ने रणथम्भौर के विस्मृत नायकों को श्रद्धांजलि भी दी है, जिन्होंने वन एवं वन्यजीवों की रक्षा करते हुए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। अनेक दुर्लभ चित्र पुस्तक की रोचकता में चार चाँद लगा देते हैं। यह पुस्तक सभी के लिए अवश्य पठनीय है और उनके लिए भी, जो लोग हमारे राष्ट्रीय पशु ‘बाघ’ में रुचि रखते हैं।



Daulat Singh Shaktawat
Daulat Singh Shaktawat
Author

Daulat Singh Shaktawat has served for more than 37 years in the wildlife wing of the Forest Department of Rajasthan. A dedicated officer and a passionate wild lifer, he has contributed immensely towards the conservation of habitat and wild species during his tenures at the Keoladeo National Park, Sariska Tiger Reserve and the Ranthambhore Tiger Reserve. He is known for his adept handling of crisis situations arising from man-animal conflict. In 2010, he was grievously injured and nearly lost his life while trying to tranquillise a tiger that had strayed out of the boundary of the Ranthambhore Tiger Reserve. Daulat Singh has a long list of national and state-level awards to his name. He is an accomplished wildlife photographer and many of his pictures have been published in magazines and journals in India and abroad. He has also contributed to several wildlife books such as Wild Wonders of Rajasthan and Birds of Bharatpur.

 

दौलत सिंह शक्तावत से.नि. उपवन संरक्षक ने राजस्थान के वन विभाग के वन्यजीव प्रभाग में 37 वर्षों से अधिक अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। एक समर्पित अफ़सर एवं वन्यजीवों के उत्कट प्रेमी के रूप में केलादेवी राष्ट्रीय उद्यान, सरिस्का बाघ परियोजना और रणथम्भौर बाघ परियोजना में काम करते हुए वन्यजीव आवास संरक्षण एवं प्रजाति परिवर्द्धन के क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान रहा है। इनसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष से उत्पन्न संकट की स्थितियों को कुशलतापूर्वक सँभालने में उन्हें महारत हासिल थी। सन 2010 में एक बाघ को, जो रणथम्भौर बाघ परियोजना की सीमा से बाहर चला गया था, बेसुध करने के प्रयास में उन्हें इतनी गंभीर चोटें आईं कि लगभग उनका जीवन ही समाप्त हो जाता। 

दौलत सिंह अनेक प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। वह एक कुशल वन्यजीव फोटोग्राफर हैं और उनके द्वारा लिए गए अनेक चित्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तथा जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। वन्यजीवों पर लिखी गई अनेक पुस्तकों में भी उनका सहयोग रहा है।

Akshay  Kumar
Akshay Kumar
Translator

कानपुर में जन्मे अक्षय कुमार ने शिक्षा दीक्षा कानपुर एवं लखनऊ में पूरी की। यह लगभग 30 वर्षों से पकारिता से जुड़े हैं। इतिहास में विशेष रुचि के साथ विभिन्न विषयों पर इनके लेख प्रकाशित होते रहे हैं।